Friday, 3 January 2014

क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?अभी तो कटे तेरे सिर्फ पाँच जवान ,बढ़ने दे इसकी शहादत को अभी और ,ताकि रच सके इतिहास में एक और बयान ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?अभी तो बरस आज़ादी के होने दे कुछ औरजवान ,गर इस तरह से ही चलेगा ये देश ,तो बन जाएगा देख तू फिर से गुलाम ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?वो बँटवारा नहीं वो था ऐसा तूफ़ान ,जो जब-जब चलेगा नफरत की आँधी लिए ,तब-तब मिटेंगे यहाँ से रहीम और राम ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?अभी नेतायों ने पहना ही कहाँ वो कफ़न तमाम ,जिसमे लिपटी थीं आहें उन बेवायों की ,जिनके अपने शहीद हुए थे सीना तान ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?अभी यहीं पर पढ़नी है फिर से “गीता” और“कुरान” ,जब कुदरत कहेगी चल मेरे साथ चला चल ,तब घबराएगा फिर से ये पापी इंसान ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?कुछ तो सन्देश दे अपने देशवासियों के नाम ,कह दे कि या तो मेरी लाज बचा लो ,या फिर लुटने दो मेरी अस्मत तमाम ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?तुझे बचाने वाले अब बन गए हैं भक्षकखुले~ए~आम ,वोटों के लालच में देखो …….दुश्मन की करें चाकरी …..देकर उन्हें जीवन-दान ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?अभी भी लाखों देशभक्त करते हैं तेरा सम्मान ,तुझे बचाने खड़े हैं अब हम सब ,बजा बिगुल करके जंग का एलान ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?मर्दों पर होता नहीं तुझे यकीन अब…..ऐसा जान ,मैं हैरान होती हूँ जब-जब ये सोच ,तब-तब बना लेती हूँ एक “नारी सेना” …..लिखकर नए नाम ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?तेरे शहीदों का बदला लेगी अब ये “नारी सेना ”बनाम ,मर्दानगी अबमर्दों की क्योंकि जाती जा रही है ,इसलिए अब सीमा में घुस कर मारेगी येसेना …..उनके भी जवान ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?देख हम सब मिलकर कर रहे हैं ……अब जंगका एलान ,जिस मुल्क में पहले ही सब ख़तम हो चुका हो ,आ उसके षड्यंत्रों को भी अब करें नाकाम ।क्यूँ रोता है हिन्दुस्तान ?नफरत है मुझे इस “पाक” शब्द से …..ये तूजान ,पहले रेतेंगे हम उस “शब्द” को बेदर्दी से ,फ़िर मिटा देंगे उसके “इस” और “तान” ॥


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