Saturday, 17 March 2012

पुरे देश को Colgate, Closeup, Pepsodent के नाम पर ज़हर बेचा जा रहा है। लेकिन देश की भ्रष्ट सरकार और बिका हुआ मीडिया अपने मुँह में फेवीकोल डाल कर बैठे हैं।

http://indiatoday.intoday.in/story/toothpastes-contain-cancer-causing-nicotine-study/1/150836.html

इनको सिर्फ़ दूध, घी, मावा आदि में ही जहर नजर आता हैं, वो भी दिवाली के दिनो में ताकि विदेशी कंपनियो का माल (कैडबरी) बिके। लेकिन ये अमेरिकन कंपनिया पिछले 40 साल से देश के लोगो को ज़हर बेच रही हैं। वो सरकार और मीडिया को दिखाई नहीं देता।

लेकिन हमारा आपका और सच्चे देश भक्त का ये फ़र्ज बनता हैं। इस सच को देश की आम जनता तक पहुँचाये और एक खास ख़बर।

क्या आप जानते है ?? 11 सितम्बर 2011 को (DIPRAS) Delhi Institute of Pharmaceutical Science and Research में बड़ी-बड़ी कंपनियों के Toothpastes को चेक किया गया। जिसमें Nicotine पाया मिला है और 1 ग्राम Toothpaste में 8 सिगरेट जितना Nicotine पाया गया है। मतलब सुबह उठते आपने 1 ग्राम Toothpaste अपने मुँह में घुमाया तो 8 सिगरेट जितना Nicotine आपके अंदर और एक खास बात इन विदेशी Toothpastes में (Fluoride) 1000 PPM से ज्यादा पाया जाता है और पुरी दुनिया के Dentist इस बात से सहमत है कोई भी Toothpaste जिसमें (Fluoride) होता और 1000 PPM से ज्यादा होता है वो Toothpaste फ़िर Toothpaste नहीं रहता जहर हो जाता है।

इसलिए आप लोग इस विदेशी कंपनी का मंजन न इस्तेमाल करें और इसे भारत से भगाएँ। इसके स्थान पर आप विको बज्रदंती, डाबर, नीम, एंकर, मिसवाक, बबूल, प्रॉमिस, सहारा, दंतकान्ति, लाल दंत मंजन, बैद्यनाथ, अजंता आदि इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे आपका स्वास्थ्य पर भी की प्रभाव नहीं पड़ेगा और स्वदेशी को भी बढ़ावा मिलेगा।

"अब इसमें तो कोई टेक्नालजी नहीं है इसे तो भारत का ही इस्तेमाल कर सकते हैं और विदेशी लूट से देश को बचा सकते हैं।"

आप इस लिस्ट को देख सकते हैं :
http://swadeshi.shreshthbharat.in/download/list/otc/otc.pdf

अधिक जानकारी::
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=328062740557042&set=a.222302067799777.69335.222235904473060&type=3

जय हिन्द, जय भारत !!
स्वदेशी, स्वावलंबी, स्वाभिमानी भारत !!
कृपया इसे एक बार अंत तक अवश्य पड़ें ! और शेयर करें ताकि यह अमूल्य जानकारी सब पहुंचे ! और सबको समझ आ जाए की हिन्दू धर्मं क्या है !!

इस कलिकाल में 'श्रीमद्भागवत पुराण' हिन्दू समाज का सर्वाधिक आदरणीय पुराण है। यह वैष्णव सम्प्रदाय का प्रमुख ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में वेदों, उपनिषदों तथा दर्शन शास्त्र के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है। इसे भारतीय धर्म और संस्कृति का विश्वकोश कहना अधिक समीचीन होगा। सैकड़ों वर्षों से यह पुराण हिन्दू समाज की धार्मिक, सामाजिक और लौकिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता आ रहा हैं।

इस पुराण में सकाम कर्म, निष्काम कर्म, ज्ञान साधना, सिद्धि साधना, भक्ति, अनुग्रह, मर्यादा, द्वैत-अद्वैत, द्वैताद्वैत, निर्गुण-सगुण तथा व्यक्त-अव्यक्त रहस्यों का समन्वय उपलब्ध होता है। 'श्रीमद्भागवत पुराण' वर्णन की विशदता और उदात्त काव्य-रमणीयता से ओतप्रोत है। यह विद्या का अक्षय भण्डार है।

*************सृष्टि-उत्पत्ति***************

सृष्टि-उत्पत्ति के सन्दर्भ में इस पुराण में कहा गया है- एकोऽहम्बहुस्यामि। अर्थात् एक से बहुत होने की इच्छा के फलस्वरूप भगवान स्वयं अपनी माया से अपने स्वरूप में काल, कर्म और स्वभाव को स्वीकार कर लेते हैं। तब काल से तीनों गुणों- सत्व, रज और तम में क्षोभ उत्पन्न होता है तथा स्वभाव उस क्षोभ को रूपान्तरित कर देता है। तब कर्म गुणों के महत्त्व को जन्म देता है जो क्रमश: अहंकार, आकाश, वायु तेज, जल, पृथ्वी, मन, इन्द्रियाँ और सत्व में परिवर्तित हो जाते हैं। इन सभी के परस्पर मिलने से व्यष्टि-समष्टि रूप पिंड और ब्रह्माण्ड की रचना होती है। यह ब्रह्माण्ड रूपी अण्डां एक हज़ार वर्ष तक ऐसे ही पड़ा रहा। फिर भगवान ने उसमें से सहस्त्र मुख और अंगों वाले विराट पुरुष को प्रकट किया। उस विराट पुरुष के मुख से ब्राह्मण, भुजाओं से क्षत्रिओं से क्षत्रिय, जांघों से वैश्य और पैरों से शूद्र उत्पन्न हुए।

विराट पुरुष रूपी नर से उत्पन्न होने के कारण जल को 'नार' कहा गया। यह नार ही बाद में 'नारायण' कहलाया। कुल दस प्रकार की सृष्टियाँ बताई गई हैं। महत्तत्व, अहंकार, तन्मात्र, इन्दियाँ, इन्द्रियों के अधिष्ठाता देव 'मन' और अविद्या- ये छह प्राकृत सृष्टियाँ हैं। इनके अलावा चार विकृत सृष्टियाँ हैं, जिनमें स्थावर वृक्ष, पशु-पक्षी, मनुष्य और देव आते हैं।

**************काल गणना***************

'श्रीमद्भागवत पुराण' में काल गणना भी अत्यधिक सूक्ष्म रूप से की गई है। वस्तु के सूक्ष्मतम स्वरूप को 'परमाणु' कहते हैं। दो परमाणुओं से एक 'अणु' और तीन अणुओं से मिलकर एक 'त्रसरेणु' बनता है। तीन त्रसरेणुओं को पार करने में सूर्य किरणों को जितना समय लगता है, उसे 'त्रुटि' कहते हैं। त्रुटि का सौ गुना 'कालवेध' होता है और तीन कालवेध का एक 'लव' होता है। तीन लव का एक 'निमेष', तीन निमेष का एक 'क्षण' तथा पाँच क्षणों का एक 'काष्टा' होता है। पन्द्रह काष्टा का एक 'लघु', पन्द्रह लघुओं की एक 'नाड़िका' अथवा 'दण्ड' तथा दो नाड़िका या दण्डों का एक 'मुहूर्त' होता है। छह मुहूर्त का एक 'प्रहर' अथवा 'याम' होता है।

युग वर्ष
सत युग चार हज़ार आठ सौ
त्रेता युग तीन हज़ार छह सौ
द्वापर युग दो हज़ार चार सौ
कलि युग एक हज़ार दो सौ

प्रत्येक मनु 7,16,114 चतुर्युगों तक अधिकारी रहता है। ब्रह्मा के एक 'कल्प' में चौदह मनु होते हैं। यह ब्रह्मा की प्रतिदिन की सृष्टि है। सोलह विकारों (प्रकृति, महत्तत्व, अहंकार, पाँच तन्मात्रांए, दो प्रकार की इन्द्रियाँ, मन और पंचभूत) से बना यह ब्रह्माण्डकोश भीतर से पचास करोड़ योजन विस्तार वाला है। उसके ऊपर दस-दस आवरण हैं। ऐसी करोड़ों ब्रह्माण्ड राशियाँ, जिस ब्रह्माण्ड में परमाणु रूप में दिखाई देती हैं, वही परमात्मा का परमधाम है। इस प्रकार पुराणकार ने ईश्वर की महत्ता, काल की महानता और उसकी तुलना में चराचर पदार्थ अथवा जीव की अत्यल्पता का विशद् विवेचन प्रस्तुत किया है।
सचिन के सतक बनाने पे बयान।
1. सचिन आर. एस. एस. के एजेन्ट हे
क्योंकि मुस्लिम देश के खिलाफ सतक बनाया -
पिग्विजय सिंह.
2. मैं सचिन को सतक की बधाई देता हूँ और
सोनिया जी की नेतृत्व की तारीफ़ करता हूँ-
मनमोहन सिंह
3. सचिन के सतक का श्रेय
मेरी दादी को जाना चाहिए. क्योंकि उन्होंने
ही बांग्ला देश बनाया था - राहुल गाँधी।
4. सचिन ने सतक बना के ये साबित कर
दिया की वो मराठी हे - राज ठाकरे
5. सचिन को लोकपाल बना देना चाहिए- टीम
अन्ना
6. गुप्त बिमारी के कारण सोनिया जी ने
मीडिया से बात नहीं करी..
7. सचिन चाहे जितने रन बनाये पर उतने रन
कभी नही बना सकता जितना भारत
का काला धन विदेशों मे जमा है । --
बाबा रामदेव जी
8. आज बान्ग्ला देश ने भारत का कर्ज अदा कर
दिया इसलिये बान्ग्लादेशियों को अब भारत मे
बे रोक - टोक बसने देना चाहिये । --
स्वामी अग्नीवेश
9. अब हमे पूरी उम्मीद है की सचिन 2015 तक
150 शतक जरूर बना लेंगें । -- भरतीय टीम के
चयनकर्ता
10. अब हम कम से कम 100 दिन तक बिना एक
भी पैसा लिये सचिन क्रिकेट कान्ड का पाठ
करेंगें -- सभी बिकाऊ मीडीया
11. अब बूस्ट और पेप्सी पे किसी को भी शक
नही होना चाहिये - देश
की लुटेरी विदेशी कंप्निया
12. आईला.. अब मै़ रिटायर ना होने
का क्या बहाना बनाऊ। --- खुद सचिन