Tuesday, 14 February 2012

एक पिता का ख़त अपने फौजी बेटे के नाम

एक पिता का ख़त अपने फौजी बेटे के नाम
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अक्सर तेरे खतों को सीने से लगा देती है माँ तेरी
तुझे याद करके चुपके से आसू बहा देती है माँ तेरी
तेरे आने का आसरा देकर में अपनी बुढ़ी टांगो को समझाता हूँ
जब दर्द बहुत बढ जाता हैं अपनी टांगो को खुद ही दबा देता हूँ
त्योहारों पर अक्सर तेरी कमी हमेशा मुझे खल ही जाती हैं
सरहद पर जंग छिड़ी है सुनके अक्सर तेरी बहन सहम जाती हैं
खेत खलियानों में अब फसले भी कम ही खिला करती हैं
गावं की सुनी सड़के आज भी तेरा इंतज़ार अक्सर करती हैं
चाहे कुछ भी हो में तुझे कभी वापस गावं ना बुलाउंगा
याद है तूने कहा था इस मिटटी में जनम लिया है मैंने
इस वतन की मिटटी में ही में अपनी जान लुटाऊंगा
.........जय हिंद वन्दे मातरम् जय भारत ..............

-- सुनील "सोनू"
By: Indian Army Fans