
अगर हर वस्तु हर कण में भगवा होता तो कैसा होता ?
हर पत्ता हर कण राम राम का गुणगान करता |
जिस तरफ नज़र जाती भगवा ही भगवा नज़र आता ||
हर बृक्ष भगवा होता हर फल भगवा होता |
हर शाख भगवा होती हर फूल भगवा होता ||
हर पर्वत भगवा बन सीना ताने मुस्कुराता |
हर गलीचा जैसे माँ भारती का दामन नज़र आता ||
आकाश में जब पक्षी भगवा रंग में दीखते |
मन प्रफुलित हो श्री राम श्री राम चिल्लाता ||
हर मंदिर पर भगवा ध्वज ध्वज होता |
ना होती कोई मस्जिद ना कोई चर्च नज़र आता ||
साधू संतो की संगत होती सत्संग में रस समता |
श्री राम श्री कृष्ण के जयकारो से पूरा विश्व गूंज जाता ||
जैसे मेरा तन है भगवा मेरा मन है भगवा |
मैं मिलता जब माटी में तो उसका रंग भी होता भगवा ||
_________________________ जीत शर्मा " मानव "
भाई पंकज की प्रेरणा से .........
जय जय सियाराम , जय जय श्री राधेकृष्ण , जय जय सनातन संस्कृति , जय जय माँ भारती
हर पत्ता हर कण राम राम का गुणगान करता |
जिस तरफ नज़र जाती भगवा ही भगवा नज़र आता ||
हर बृक्ष भगवा होता हर फल भगवा होता |
हर शाख भगवा होती हर फूल भगवा होता ||
हर पर्वत भगवा बन सीना ताने मुस्कुराता |
हर गलीचा जैसे माँ भारती का दामन नज़र आता ||
आकाश में जब पक्षी भगवा रंग में दीखते |
मन प्रफुलित हो श्री राम श्री राम चिल्लाता ||
हर मंदिर पर भगवा ध्वज ध्वज होता |
ना होती कोई मस्जिद ना कोई चर्च नज़र आता ||
साधू संतो की संगत होती सत्संग में रस समता |
श्री राम श्री कृष्ण के जयकारो से पूरा विश्व गूंज जाता ||
जैसे मेरा तन है भगवा मेरा मन है भगवा |
मैं मिलता जब माटी में तो उसका रंग भी होता भगवा ||
_________________________ जीत शर्मा " मानव "
भाई पंकज की प्रेरणा से .........
जय जय सियाराम , जय जय श्री राधेकृष्ण , जय जय सनातन संस्कृति , जय जय माँ भारती