Friday, 17 February 2012

जय जय सियाराम , जय जय श्री राधेकृष्ण , जय जय सनातन संस्कृति , जय जय माँ भारती
अगर हर वस्तु हर कण में भगवा होता तो कैसा होता ?


हर पत्ता हर कण राम राम का गुणगान करता |
जिस तरफ नज़र जाती भगवा ही भगवा नज़र आता ||

हर बृक्ष भगवा होता हर फल भगवा होता |
हर शाख भगवा होती हर फूल भगवा होता ||

हर पर्वत भगवा बन सीना ताने मुस्कुराता |
हर गलीचा जैसे माँ भारती का दामन नज़र आता ||

आकाश में जब पक्षी भगवा रंग में दीखते |
मन प्रफुलित हो श्री राम श्री राम चिल्लाता ||

हर मंदिर पर भगवा ध्वज ध्वज होता |
ना होती कोई मस्जिद ना कोई चर्च नज़र आता ||

साधू संतो की संगत होती सत्संग में रस समता |
श्री राम श्री कृष्ण के जयकारो से पूरा विश्व गूंज जाता ||

जैसे मेरा तन है भगवा मेरा मन है भगवा |
मैं मिलता जब माटी में तो उसका रंग भी होता भगवा ||

_________________________ जीत शर्मा " मानव "

भाई पंकज की प्रेरणा से .........

जय जय सियाराम , जय जय श्री राधेकृष्ण , जय जय सनातन संस्कृति , जय जय माँ भारती