Wednesday, 21 March 2012

मनवा मेरा कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम,
तेरे चरणों में हैं बसते जग के सारे धाम
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम

अयोध्या नगरी में तुम जन्मे , दशरथ पुत्र कहाये,
विश्वामित्र थे गुरु तुम्हारे, कौशल्या के जाये,
ऋषि मुनियों की रक्षा करके तुमने किया है नाम
तुलसी जैसे भक्त तुम्हारे, बांटें जग में ज्ञान
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम

मनवा मेरा कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम

सुग्रीव-विभीषण मित्र तुम्हारे, केवट- शबरी साधक,
भ्राता लक्ष्मण संग तुम्हारे, राक्षस सारे बाधक,
बालि-रावण को संहारा, सौंपा अदभुद धाम
जटायु सा भक्त आपका आया रण में काम
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम

मनवा मेरा कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम

शिव जी ठहरे तेरे साधक, हनुमत भक्त कहाते,
जिन पर कृपा तुम्हारी होती वो तेरे हो जाते,
सबको अपनी शरण में ले लो, दे दो अपना धाम
जग में हम सब चाहें तुझसे, भक्ति का वरदान
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम

मनवा मेरा कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम

मोक्ष-वोक्ष कुछ मैं ना माँगूं , कर्मयोग तुम देना,
जब भी जग में मैं गिर जाऊँ मुझको अपना लेना,
कृष्ण और साईं रूप तुम्हारे, करते जग कल्याण
कैसे करुँ वंदना तेरी , दे दो मुझको ज्ञान
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम.

मनवा मेरा कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम

जो भी चलता राह तुम्हारी, जग उसका हो जाता,
लव-कुश जैसे पुत्र वो पाए, भरत से मिलते भ्राता,
उसके दिल में तुम बस जाना जो ले-ले तेरा नाम
भक्ति सहित अम्बरीष ये सौंपे तुझको अपना प्रणाम
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम
मनवा मेरा कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम

मनवा मेरा कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम
तेरे चरणों में हैं बसते जग के सारे धाम
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम.