इधर उठी जो आँख तुम्हारी,
चमकेगी तलवार, हमारी ।
खून से इस धरती को हम नहला देंगे,
हम तुझको तेरी औकात दिखा देंगे।
अगर आस्था अपमानित होगी ,
तो फिर एक अयोध्या होगी।
राम के खातिर अपना शीस कटा देंगे,
हम तुझको तेरी औकात बता देंगे।
वैसे तो कोई बैर नहीं है,
लडे तो तेरी खैर नहीं है।
हर मीनार पर केसरीया लहरा देंगे,
हम तुमको तुम्हारी औकात बता देंगे।
लव जिहाद तू बंद कर दे शर्म
का जरा घूँट पी ले,
हम चंडी हैं चंड-मुंड संहारेगें
हम तुझको तेरी औकात बता देगें !!!!
-मोहित गंगवार ....
चमकेगी तलवार, हमारी ।
खून से इस धरती को हम नहला देंगे,
हम तुझको तेरी औकात दिखा देंगे।
अगर आस्था अपमानित होगी ,
तो फिर एक अयोध्या होगी।
राम के खातिर अपना शीस कटा देंगे,
हम तुझको तेरी औकात बता देंगे।
वैसे तो कोई बैर नहीं है,
लडे तो तेरी खैर नहीं है।
हर मीनार पर केसरीया लहरा देंगे,
हम तुमको तुम्हारी औकात बता देंगे।
लव जिहाद तू बंद कर दे शर्म
का जरा घूँट पी ले,
हम चंडी हैं चंड-मुंड संहारेगें
हम तुझको तेरी औकात बता देगें !!!!
-मोहित गंगवार ....