सैनिक की अंतिम इच्छा :साथी घर जाकर मत कहना, संकेतों में बतला देनायदि हाल मेरी माता पूछे, मुरझाया फूलदिखा देनायदि इतना कहने से न माने, जलता दीप बुझा देनायदि हाल मेरी बहना पूछे, मस्तक तिलकमिटा देनायदि इतना कहने से न माने, तो राखी तोडदिखा देनायदि हाल मेरी पत्नी पूछे, मांग सिंदूर मिटा देनायदि इतना कहने से न माने, तो चूड़ी तोडदिखा देना ।नमन है हर एक हिन्दुस्तानी सैनिक को
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