जब जब मै देश में हो रही हिंदुत्व की और देश की दुर्दशा की बात करता हु ,तब लोग सवाल करते है
.."हम कर भी क्या सकते है?"
उन लोगो को ये एक छोटा सा उत्तर है -
प्रकृति ने पुरुष का निर्माण करते समय उसे ऐसी बोहत सारी शक्तिया दी थी जो की स्त्री के पास नहीं थी,
उन शक्तियों को और उन शतियो के प्रयोग को ही "पुरुषार्थ" कहा गया है!
माँ भवानी के चरणों में नमन करो,दीप और धुप जलाओ ,रक्तचंदन का तिलक करो और फीर आईने के सामने खड़े रहकर अपने आप से पूछो - की आप "क्या नहीं कर सकते?"
जवाब मिल जायेगा !
संसार के सभी धर्मो के पुरुषो में हिन्दू पुरुष सर्वश्रेष्ठ है क्यूंकि -
उसने उसे जन्म देने वाली माँ को भगवान् माना है और उसकी दुर्गा रूप में पूजा की है!
और यही एक कारण है की हजारो साल बीत गए , कितने ही लुटेरे (इस्लामी ,अंग्रेज) आये और चले गए ,हिन्दू सभ्यता आज भी वही की वाही खड़ी है.....एक अभेद्य पर्वत की तरह!
और वो दिन दूर नहीं जब ये हिन्दू सभ्यता सम्पूर्ण धरातल पर राज करेगी!!!
जय हो मैय्या की!हर हर महादेव !!
जयति अखंड हिन्दू राष्ट्रं!
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