Wednesday, 28 March 2012

प्रधानमंत्री जी, देश को जवाब चाहिए



देश की रक्षा तैयारियों के बारे में 12 मार्च को आर्मी चीफ जनरल वी. के. सिंह ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को जो चिट्ठी लिखी है, वह विस्फोटक और चिंतित करने वाला है। लीक हुई चिट्ठी में बहुत से मुद्दों को उठाया गया है। कुछ अहम मुद्दे निम्न हैं...

1. दुश्मन को शिकस्त देने के लिए टैंक के बेड़े के पास गोला-बारूद का भारी अभाव।
2. हवाई सुरक्षा के 97 फीसदी उपकरण पुराने पड़ चुके हैं और बेकार हो गए हैं, हवाई हमले से बचाने का भरोसा नहीं दे सकते।
3. पैदल सेना के पास पर्याप्त हथियारों का अभाव, रात में लडऩे की क्षमता की भारी कमी है।
4. आर्मी की एलीट स्पेशल फोर्स के पास के पास चिंताजनक रूप से जरूरी हथियारों की कमी है।
5. सेना की निगरानी क्षमता में बड़े स्तर पर खामियां मौजूद हैं।

हालांकि, इसके साथ मैं एक बात और कहना चाहता हूं। लोग आर्मी चीफ पर पिले पड़े हैं। कुछ सांसद तो उन्हें बर्खास्त करने तक की मांग तक कर रहे हैं। मेरा उनसे कहना है कि संदेशवाहक को गोली नहीं मारी जाती। ऐसा पहली बार हो रहा है कि रक्षा मामलों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चर्चा हो रही है। इसका श्रेय आर्मी चीफ को ही जाता है। नहीं तो अब तक तो इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर दबा दिया जाता था।

आम आदमी सरकारी भ्रष्टाचार से आजिज आ चुका है। उसकी सहनशक्ति दिन पर दिन कम हो रही है। और, समझ लीजिए कि जिस दिन हमारे सुरक्षा साजोसामान में भ्रष्टाचार का असर सबको दिखने लगेगा, लोगों का गुस्सा फूट पड़ेगा। तब उसे संभाल पाना संभव नहीं होगा। बहुत अच्छा होगा कि हमारे सांसद, जिनकी अपनी ही विश्वसनीयता गर्त में है, इस मौके का इस्तेमाल सिस्टम की सफाई में करें न कि साहस दिखाने वाले जनरल पर निशाने साधने में क्योंकि उनके निजी हितों पर भी खतरा मंडरा रहा है।

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